कठुआ से मुक्त कराए 21 बंधुआ मजदूर – लॉ पावर एसोसिएशन

कठुआ से मुक्त कराए 21 बंधुआ मजदूर – लॉ पावर एसोसिएशन

कठुआ: (अमिता) सामान्यतः भारत में बंधुआ मज़दूरी  गैर-कानूनी है और पूर्णतया प्रतिबंधित है परंतु हमें अक्सर इस प्रकार की घटनाएँ देखने को मिलती रहती है। वर्तमान में बंधुआ मज़दूरी  का एक नया प्रारूप देखने को मिल रहा है। सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस नए प्रारूप को ‘आधुनिक दासता’ (Modern Slavery) की संज्ञा दी है। वैश्विक दासता सूचकांक (Global Slavery Index), 2018 के अनुसार, भारत में 18 मिलयन लोग आधुनिक दासता में जकड़े हुए हैं। ऐसा व्यक्ति जो लिये हुए ऋण को चुकाने के बदले ऋणदाता के लिये श्रम करता है या सेवाएँ देता है, बंधुआ मज़दूर (Bonded Labour) कहलाता है। इसे ‘अनुबंध श्रमिक’ या ‘बंधक मजदूर’ भी कहते हैं। सामान्यतः ऋण के भुगतान के साधन के रूप में बंधुआ मजदूर की मांग की जाती है। सूक्ष्मता से इसका विश्लेषण करने पर यह प्रतीत होता है कि वास्तव में इस अमानवीय प्रथा को अवैतनिक श्रम का लाभ उठाने के लिये एक चाल के रूप में शोषणकारी जमींदारों और साहूकारों द्वारा इसका प्रयोग किया गया है।
बंधुआ मजदूरी पर कार्यरत अग्रणी संस्था लॉ पावर एसोसिएशन के संस्थापक ऐडवोकेट योगेश प्रशाद ने जानकार दी कि उनकी संस्था को छतीसगढ़ से उनके साथी राजू ओगर द्वारा शिकायत भेजी गई थी कि कठुआ के गांव माही चक्क में दिवाकर ईंट भट्ठे पर छत्तीसगढ़ के 6 परिवारों के कुल 21 लोगों को बंधक बनाया हुआ है। जिस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए उनकी संस्था द्वारा कठुआ के जिला अधिकारी को उक्त बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने हेतु पत्र भेजा गया। जिस पर संज्ञान लेते हुए आज दिनांक 29 नवंबर 2022 को जिला अधिकारी कठुआ ने टीम तैयार कर उक्त ईंट भट्ठे से 21 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया और उनको वापसी भेजने हेतु 700 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से किराया देकर रवाना किया।
इस अवसर पर लॉ पावर एसोसिएशन के सह संस्थापक व बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री दिनेश कुमार ने कहा कि हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यो से मजदूर देश के अलग अलग राज्यों में बंधुआ मजदूरों की भांति काम कर रहे है। इसे रोकने के लिए लॉ पावर एसोसिएशन की सरकारों से मांग है कि सरकार द्वारा समय-समय पर सर्वेक्षण करके बंधुआ मजदूरों का एक डेटाबेस बनाने के लिये ठोस प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अंतर-राज्य समन्वय तंत्र की आवश्यकता है ताकि प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के समाधान हेतु कार्यस्थल में सुधार कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जा सके। 
श्री दिनेश कुमार ने बताया कि पूरे देश में लॉ पावर एसोसिएशन की टीमें सजगता से बंधुआ मजदूरी रोकने हेतु काम कर रही है, देश में अगर सरकार बंधुआ श्रमिकों के लिए कोई ठोस योजना बना कर काम करने को तैयार है तो लॉ पावर एसोसिएशन इस कार्य में सरकार को हर संभव सहयोग देगा।

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