इनोसेंट हार्ट्स कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन,जालंधर ने मनाया विश्व एड्स दिवस
जालंधर (चंदन )इनोसेंट हार्ट्स कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जालंधर की एनएसएस इकाई ने एड्स को समाप्त करने वाली असमानताओं को पहचानने और उनका समाधान करने के लिए विश्व एड्स दिवस मनाया। डब्ल्यूएचओ द्वारा वर्ष 2022 के थीम (समानता) मे “प्रमुख आबादी विशेष रूप से- ट्रांसजेंडर लोगों, ड्रग्स का उपयोग करने वाले लोगों, सैक्स वर्कर्स, कैदियों व प्रवासियों – और उनके सहयोगियों को आवश्यक एचआईवी सेवाएँ मुहैया करवाना।
एनएसएस स्वयंसेवकों ने एचआईवी और एड्स के बारे में तथ्यों और चिकित्सकीय रूप से सटीक जानकारी साझा की। एनएसएस स्वयंसेवक प्रीति ने अपने भाषण में एचआईवी के लक्षणों और एड्स के उपचार पर प्रकाश डाला, एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाई जो कि एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस) के संक्रमण के कारण होने वाला एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम है। भाषण प्रतियोगिता में प्रीति ने प्रथम तथा विशाली अरोड़ा ने दूसरा स्थान हासिल किया। एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी विद्यार्थी-अध्यापकों और संकाय सदस्यों ने लाल रिबन बाँधे। एड्स जागरूकता के नारे ‘लेट्स स्टॉप एचआईवी टूगेदर’, ‘अपनी आँखें खोलो, इससे पहले कि एड्स उन्हें बंद कर दे’ आदि वातावरण में गूँज रहे थे।
इस अवसर पर एक पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें विद्यार्थी-अध्यापकों ने वर्णनात्मक पोस्टर तैयार किए और अपने पोस्टरों का प्रदर्शन करते हुए वीडियो बनाए। एचआईवी मिथकों के बारे में ज्ञान फैलाने और इसकी रोकथाम को बढ़ावा देने के लिए इन वीडियो को ऑनलाइन मोड के माध्यम से साझा किया गया था। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में साक्षी ठाकुर व रोशनी ने प्रथम तथा गगनदीप कौर व नंदिनी लूथरा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
प्राचार्य डॉ. अरजिंदर सिंह ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि एड्स जागरूकता दिवस मनाना आवश्यक है क्योंकि एचआईवी संक्रमण वर्तमान में लाइलाज है, लेकिन इस बीमारी के बारे में अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा और समाज में एड्स रोग के बारे में जागरूकता फैलाकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है, जिसे हमारी एनएसएस इकाई के स्वयंसेवक काफी हद तक कर रहे हैं।